IndiSpire #63
कैसे कह दूँ कि जीवन में बस एक कहानी है बाकी ....
जिन शब्दों ने जीवन का सार दिया
उन शब्दों के हर आशय को
एक मतलब देना है बाकी
कल बीच में छोड़ा था जो गीत
उसे आज नए संगीत से फिर
गुनगुना के गाना है बाक़ी
और कितने लिखे गीतों की
अभी गुंजन सुननी है बाक़ी
उन पंखों का उड़ना बाकी
जो नीले अम्बर में गुम होकर
अपनी पहचान बनाना चाहते हैं
सर्दी की ठण्ड हवाओं में
रूई-सी कोमल गर्माहट
और गर्मी की कड़ी तपन में ठंडी
छाया अभी देनी है बाकी
कुछ व्यंग्य अभी कसने बाकी
कुछ कविताएँ कहनी बाकि
कुछ चित्र हैं सूने रंग बिना
उनको नवजीवन देना बाकी
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------
गुज़रे कल को मैं जब देखूं
आगे की राह बुलाती है
कुछ अनकहे शब्द जब सुनती हूँ
तो खिंची वहीँ मैं जाती हूँ
कुछ नन्हे क़दमों की आह्ट
एक नए बचपन की छवि दिखाती है
कुछ नए सपने नयी आशाएं
नया इन्द्रधनुष एक बनाती हैं
एक नयी किताब के पन्नों की
कुरकुराहट जो कानों में पड़ती है
और सौंधी-सी खुशबू जो
उन पन्नों से हर ओर बिखरती है
कहते ये सब मिलकर मुझसे
एक नयी कहानी लिखनी है
जो कल से जुदा नहीं लेकिन
कल को आज में अंकित करती है
अभिलाषाओं का कोई अंत नहीं
ये हैं आकाश-सी अपरिमित
जो पूरी हो जाए मन की हर बात
तो गतीहीन बन जाऊँगी
कुछ तो हो जो मन को ललचाये
कुछ हो जो स्थिरता को तोड़े
और जीवन को एक चंचल बच्चे के
उज्जवल मन सा स्वरूप दे दे
जब ये बातें पूरी होंगी
मन नयी दिशा एक खोजेगा
फिर नयी उमंगें जन्मेंगीं
फिर नयी कहानी बन जाएगी
लेकिन तब तक मैं कोशिश कर
कुछ किस्से पूरे करती हूँ
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A poem बेटी की शादी
कैसे कह दूँ कि जीवन में बस एक कहानी है बाकी ....
जिन शब्दों ने जीवन का सार दिया
उन शब्दों के हर आशय को
एक मतलब देना है बाकी
कल बीच में छोड़ा था जो गीत
उसे आज नए संगीत से फिर
गुनगुना के गाना है बाक़ी
और कितने लिखे गीतों की
अभी गुंजन सुननी है बाक़ी
उन पंखों का उड़ना बाकी
जो नीले अम्बर में गुम होकर
अपनी पहचान बनाना चाहते हैं
सर्दी की ठण्ड हवाओं में
रूई-सी कोमल गर्माहट
और गर्मी की कड़ी तपन में ठंडी
छाया अभी देनी है बाकी
कुछ व्यंग्य अभी कसने बाकी
कुछ कविताएँ कहनी बाकि
कुछ चित्र हैं सूने रंग बिना
उनको नवजीवन देना बाकी
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गुज़रे कल को मैं जब देखूं
आगे की राह बुलाती है
कुछ अनकहे शब्द जब सुनती हूँ
तो खिंची वहीँ मैं जाती हूँ
कुछ नन्हे क़दमों की आह्ट
एक नए बचपन की छवि दिखाती है
कुछ नए सपने नयी आशाएं
नया इन्द्रधनुष एक बनाती हैं
एक नयी किताब के पन्नों की
कुरकुराहट जो कानों में पड़ती है
और सौंधी-सी खुशबू जो
उन पन्नों से हर ओर बिखरती है
कहते ये सब मिलकर मुझसे
एक नयी कहानी लिखनी है
जो कल से जुदा नहीं लेकिन
कल को आज में अंकित करती है
अभिलाषाओं का कोई अंत नहीं
ये हैं आकाश-सी अपरिमित
जो पूरी हो जाए मन की हर बात
तो गतीहीन बन जाऊँगी
कुछ तो हो जो मन को ललचाये
कुछ हो जो स्थिरता को तोड़े
और जीवन को एक चंचल बच्चे के
उज्जवल मन सा स्वरूप दे दे
जब ये बातें पूरी होंगी
मन नयी दिशा एक खोजेगा
फिर नयी उमंगें जन्मेंगीं
फिर नयी कहानी बन जाएगी
लेकिन तब तक मैं कोशिश कर
कुछ किस्से पूरे करती हूँ
और इसी सोच में डूबी हूँ
की किस पन्ने से मैं शुरू करूँ........
A story on friendship that goes beyond words
A poem बेटी की शादी
Bahut kubb ..
ReplyDeleteAnanyaTales
thanks ananya....
Deletebadiya hain
ReplyDeletethanks shwetabh....
Deletebeautifully written
ReplyDeletethanks sonia....
Deleteशब्दों का बहुत सुंदर इन्द्रधनुष रचा है आपने.
ReplyDeleteनई पोस्ट : तेरे रूप अनेक
thanks Rajeeve ji.....
DeleteBeautiful :)
ReplyDeletethanks purba....
DeleteBahut sundar sunaina .... Mere liye bhi - abhi tumhara baki lekhan padhna baki ..... :)
ReplyDeleteSargarbhit v sahaj ..eksaath :)
Aww......thank you so much Kokila......:)
Deletebeautiful :)
ReplyDeletethanks dipanwita....
Deletekhubsuarat rachna hai
ReplyDeletethanks Agastya....
DeleteBeautiful poems!
ReplyDeletethanks Madhusudan....
Deleteलिखना एक कविता
ReplyDeleteकविता जिसमें एक कहानी हो
कहानी जिसमे कुछ किस्से हो
किस्से भले सच्चे न हो
पर लगे काश वो मेरी वो मेरी जिदंगी के हिस्से हो
what beautiful words Manisha......thanks for dropping by and sharing them.....
Deletesundar... :-)
ReplyDelete"और जीवन को एक चंचल बच्चे के
ReplyDeleteउज्जवल मन सा स्वरूप दे दे"
Khoob...Bahut Khoob
thanks Ashwini.....those lines are close to my heart....:)
DeleteBahot hi khubsurat Kavita hai
ReplyDeleteshukriya Neo.....
Deleteबहुत खूबसूरत..
ReplyDeletehttp://machaltikalam.blogspot.in/
Thanks Sarthak.....:)
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