Thursday, October 29, 2015

रेत के घर

This poem is written in response to the picture prompt by Aditi Kaushiva

"कल समुद्र के किनारे जाना 
कुछ रेत के घर बनाना 
एक छोटा सा महल भी होगा 
जिसमें कहीं मेरा निशाँ भी होगा 
जब लहरें शोर मचाएंगी 
इठलाती हुई पास आएंगी 
सब कुछ ढह जाते देखना 
मुझे फिर मर जाते देखना 
लड़ तो तुम नहीं पाओगे 
लहरों से क्या टकराओगे 
खुद भी तो रेत से बने हो तुम 
एक दिन तुम भी बह जाओगे 
यही तो किया तुमने 
कमज़ोर दीवारों से घिरे 
निरर्थक व्यवहारों से पले 
उठा न पाये सर कभी 
झुके खड़े हो आज भी 
सुन न सके उन तरंगों की धुन 
नई सोच से नए सपने काश बुन देते तुम 
मेरे पिता बन जाते तुम 
कुछ गुड़िया भी घर में लाते तुम 
पर सोच तुम्हारी काँटा बन
पैरों में मेरे चुभ रही है आज 
मैं जाती हूँ अब तुमसे दूर
नहीं मुझे अब तुमपे नाज़ ...."


Image Source here


कल रात नहीं फिर सो मैं पाया
सपने ने जैसे मुझे जगाया 
आइना मुझको दिखलाया 
एक कमज़ोर शख्स से मिलवाया 
पिता हूँ कैसा मैं 
जो आती मेरे जीवन में 
मुझको भी जीना सिखलाती 
कुछ रंग गुलाबी बिखरा कर 
मेरे कुंठित काले मन को 
नित नया रूप वो दे जाती 
निर्जीव खड़ा मैं गुनहगार 
कल सुबह वहीँ पे जाऊँगा 
लहरों से न मैं लड़ पाऊँ 
मैं फिर भी महल बनाऊंगा 
एक घेरा ऐसा डालूँगा 
जो अनुचित दूषित  सोच को 
दरवाज़े से बाहर रखेगा 
तू आना मेरे घर बेटी 
इस घर को खूब सजाना तू 
और इस दोषी पिता को माफ़ी दे 
इक बार गले से लगा लेना। 



18 comments:

  1. Very sensitive and vital issue. Well written.

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  2. बहुत बढिया सुनयना जी...

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  3. बहुत बढिया सुनयना जी...

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  4. Well expressed. Father-Daughter relationship is sacred and hope all maintain the sanctity & respect...

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    1. Thanks Anita......The bond is so special for some and yet, there are many who have no place for it in their lives.

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  5. A very thoughtful and a thought provoking expression, Sunaina. Liked it a lot!

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    1. Thanks for coming here and reading it Shilpa. I am glad you liked my attempt.

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  6. Touching, very well written....

    Teri aankhon mein Dekh kar Khud ko Jana, Jane main tera pita hoon ya tu meri Maa

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    1. Thanks Ankur.....What beautiful lines you wrote it..!

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  7. Touching and timely! Profound and provoking too...lovely write!

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  8. Relevant and beautiful ! Sunaina .. you are marvelous !

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